Hariyali Teej 2025 , एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो भारत में मनाया जाता है। भारत मैं बहोत सरे त्यौहार नारीशक्ति के रूप मैं मनाये जाते है। यह त्योहार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो जुलाई या अगस्त महीने के आस-पास आती है। यह त्योहार मुख्य रूप से नारीशक्ति की पूजा और व्रत के रूप में मनाया जाता है।
हरियाली तीज का नाम उसकी विशेष अर्थ से आता है, जहाँ हरियाली वन्यत्र की प्राकृतिकता और हरा-भरा मानवता के साथ जुड़ा होता है और तीज तिथि की नाम है जिसे मनाया जाता है। ये त्यौहार सावन बरसात के मौसम में मनाया जाता है, जब पृथ्वी नई झाड़ियों से सजती है और हरियाली से भर जाती है। महिलाएं इस दिन विशेष रूप से सुनहरी और हरी रंग की साड़ियाँ पहनती हैं और सुहागिन और विवाहित महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु की कामना करती हैं।
वे माता पार्वती की पूजा भी करती हैं और व्रत उपासना करती हैं ताकि उनके पतियों की लंबी और सुखमय जीवन की कामना कर सकें। इस त्यौहार के दिन लोग अच्छा खाने के लिए बनाते है और अपने अपने रिलेटिव्स को दावत पर बुलाते है।जैसे पुरे भारत मैं रामनवमी मनाई जाती है वैसे यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है, जैसे कि राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश। तो चलिए मित्रो Hariyali teej kya hota hai और hariyali teej कब है 2025 विस्तार से जानते है।
Hariyali Teej क्यों मनाई जाती है ?
हरियाली तीज का मनाने का प्रमुख कारण है माता पार्वती और भगवान शिव की भक्ति और उनके सुख-समृद्धि के आशीर्वाद की प्राप्ति की कथा। इसके अलावा, यह त्योहार हरा-भरा प्राकृतिकता की महत्वपूर्णता को भी दर्शाता है। माता पार्वती ने शिव जी के पास आकर उनकी आराधना की और उन्हें अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने एक बड़ी भक्ति और तपस्या से शिव जी को प्रसन्न किया।
शिव जी ने उनकी प्रार्थना स्वीकार की और उन्हें वरदान दिया कि हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अपनी मांगलिक सुख-समृद्धि की कामना करेंगी और उनकी प्रार्थनाएं सच होंगी। इसके बाद से ही यह त्योहार महिलाओं के लिए विशेष महत्वपूर्ण हो गया है और वे इस दिन व्रत रखती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं।
इसके साथ ,Hariyali Teej त्योहार भारतीय संस्कृति में हरित प्राकृतिकता की महत्वपूर्णता को दर्शाता है, जहाँ प्राकृतिक वातावरण को मानवता के साथ जोड़कर प्रकृति की रक्षा और संरक्षण की जाती है। यह त्योहार उत्तर भारत में खासतर सावन मास में बारिशों के मौसम में आता है और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाने का मौका प्रदान करता है।
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Hariyali Teej की पूजा विधि
किसीभी त्यौहार मानाने के लिए भगवान की पूजा की जाती है और इस विधि के अलग अलग तरीके होते है।
- सामग्री संग्रहण: Hariyali Teej के पूजा की शुरुआत में आपको आवश्यक सामग्री तैयार करनी होगी। इसमें बील पत्र, फूल, अगरबत्ती, दीपक, कुमकुम, चावल, अक्षत, फल, मिठाई, नारियल, सुहाग का चूड़ा, रोली, मोली, काजल, पान, धागा, दूध, घी, गंगाजल, पुष्प, पानी, पूजनीय प्रतिमा, आदि शामिल हो सकते हैं।
- व्रत कथा: पूजा की शुरुआत में आपको हरियाली तीज की व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। इसके माध्यम से माता पार्वती की भक्ति और उनकी आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
- पूजा स्थल सजाना: एक प्राकृतिक और शुद्ध स्थल पर पूजा का आयोजन करें। पूजा स्थल को सजाने में फूल, पत्तियाँ, चादर, दीपक आदि का प्रयोग करें।
- पूजा का आरंभ: पूजा की शुरुआत दिया जलाकर करें। फिर प्रतिमा की पूजा करें। इसमें कुमकुम, चावल, फूल, अक्षत, फल, मिठाई, दूध, घी, नारियल शामिल हो सकते हैं।
- प्रार्थना और आरती: माता पार्वती की प्रार्थना करें और उनकी आरती उतारें।
- सुहागिन महिलाओं की पूजा: विवाहित महिलाएं अपने सुहाग का चूड़ा पहनकर पूजा करती हैं और उनकी लंबी और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।
- प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद के रूप में फल, मिठाई आदि को भगवान की भक्ति के साथ बांटें।
- व्रत का पूरा करना: व्रत के दिन अच्छे काम करें और व्रत का पूरा पालन करें।
इस तरीके से अलग अलग तरीके से तीज मनाई जाती है और अपने पति को दीर्घायुष्य और सुखमय जीवन के लिए कामना करती है।
हरियाली तीज और हरतालिका तीज में क्या अंतर है?
Hariyali Teej और Hartalika दोनों ही प्रमुख हिन्दू त्योहार हैं और वे विशेष रूप से भारत में मनाए जाते हैं। हालांकि इन दोनों त्योहारों के पीछे की कहानियाँ और महत्व अलग-अलग होते हैं। दोनों त्यौहार अलग अलग तरीके से अलग ;अलग राज्य मैं मनाये जाते है।
हरियाली तीज: हरियाली तीज श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और यह विशेष रूप से प्राकृतिक सौंदर्य, नारीशक्ति, और पतियों की दीर्घायु की कामना का प्रतीक होता है। महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं।
हरतालिका तीज (हरतालिका व्रत): Haritalika Teej के व्रत का आयोजन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है। इस दिन महिलाएं गौरी और शिव की पूजा अर्चना करती हैं, और व्रत की कथा सुनती हैं जिसमें गौरी के द्वारा शिव की प्राप्ति की कहानी होती है।
इस तरह ,हरियाली तीज और हरतालिका तीज दोनों ही महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण और परंपरागत त्योहार हैं, लेकिन इनके पीछे की कथाएं और महत्व भिन्न-भिन्न होते हैं।
Kajari teej 2025 :कजरी तीज क्या है?
Kajari teej, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो पुने, महाराष्ट्रा में विशेष रूप से मनाया जाता है। यह त्योहार श्रवण मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो जुलाई या अगस्त महीने के आस-पास आती है।
कजरी तीज का मुख्य उद्देश्य पतियों की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना करना होता है। यह त्योहार मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जिन्होंने पतियों की दीर्घायु और खुशियों से भरी जिंदगी की कामना की होती है।
Hariyali teej के दिन बनाने वाले डिश -Hariyali teej dishes
घेवर(Ghewar): घेवर मिठाई एक पारंपरिक और लोकप्रिय राजस्थानी मिठाई है जो खासतर स्पेशल त्योहारों जैसे कि तीज, रक्षाबंधन आदि पर बनाई जाती है। इसे बनाने के लिए मैदा, घी, दूध और चीनी की मिश्रण से आटा बनाया जाता है। फिर इस आटे को गहरे कढ़ाई में तला जाता है ताकि यह स्वादिष्ट और कुरकुरा हो जाए।
तले हुए घेवर पर चाशनी या चाशनी के साथ चिन्ह बनाने के लिए मिठाई की चिन्हनी का प्रयोग किया जाता है। इसके बाद घेवर को ठंडे दूध या मावा के साथ सर्विंग किया जाता है। यह मिठाई मिठास के साथ आकर्षक भी दिखती है और आकर्षक रंगों में तैयार की जाती है।
गट्टे की सब्जी: यह एक प्रमुख डिश है जिसमें बेसन से बने गट्टे को टमाटर और प्याज की सब्जी के साथ परोसा जाता है।
मलपुआ: मलपुआ एक प्रमुख मिठाई है जो हरियाली तीज पर बनती है। यह आटे के पानी में डुबोकर तले जाते हैं और फिर शहद और काजू से सजाकर परोसे जाते हैं।
पकौड़ी: पकौड़ी तीज के दिन बनाई जाने वाली एक अन्य पसंदीदा डिश है। यह गरमा गरम चाय के साथ खाने का आनंद देती है।
कचौड़ी: कचौड़ी तीज के दिन बनाई जाने वाली एक प्रसिद्ध साउथ इंडियन डिश है। यह वेजिटेबल्स और उपमा के साथ परोसी जाती है।
खीर: खीर भी हरियाली तीज पर बनाने वाली परंपरागत मिठाइयों में से एक है। यह चावल, दूध और चीनी के मिश्रण से बनता है और खासतर सुहागिन महिलाएं इसे बनाती हैं।
दही वड़ा: दही वड़ा हरियाली तीज पर बनने वाले अन्य प्रमुख डिशों में से एक है। यह उरद दाल के वड़े को दही में डुबोकर सजाकर परोसा जाता है।
अक्सर पूछे गए सवाल Hariyali Teej
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