रागी (Ragi) की खेती कैसे करे और कब करे 2023 ?

रागी(Ragi) भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीका  में प्रमुख फसल है और यह खेती व्यापारिक और आहारिक दोनों मायनों में महत्वपूर्ण है और रागी(मड़ुआ) का मोठे अनाजों मै काफी महत्व है । रागी का नाम हिंदी भाषा में “नागलंग” है।  रागी को अलग -अलग नामो से जाना जाता है ,रागी को English मै Finger Milet ,मराठी मै Nachani और बहुत सारे  नाम से जाना जाता है जैसे की मडुआ, अफ्रीकन रागी, फिंगर बाजरा और लाल बाजरा आदि नामों से जाना जाता है।

इस फसलों की ऊँची १. ५  मीटर होती है। भारत मै रागी की खेती महाराष्ट्र,तमिलनाडु, कर्नाटक, ओड़िशा, उत्तराखंड,झारखंड, आंध्रप्रदेश, बिहार राज्यों में की जाती  है। रागी के फायदे (Ragi benefits) जानकर लोग इसे अपने खाने मैं इस्तेमाल करते है।   यह सूखे और तापमान के कठिन परिस्थितियों में भी अच्छी उत्पादनता देती है। रागी की खेती के लिए जमीन की अच्छी निर्धारितता, गर्मी और नमी के मानकों का पालन करना आवश्यक होता है।

रागी की उत्पादनता को बढ़ाने के लिए बीज उत्पादन, समुचित पौधों का चुनाव, कीटनाशकों(Fertilizer) का संयंत्रों पर उपयोग आदि कार्य किया जाता है। रागी द्वारा अन्य खाद्य उत्पादों के निर्माण के साथ-साथ वस्त्रों और जूट सामग्री के लिए भी उपयोग किया जाता है। तो मेरे किसान दोस्तों आज हम रागी की खेती इन हिंदी में पुरे विस्तार से जानते है।

रागी(Ragi) फसल का चित्र
Ragi in hindi

रागी की खेती के लिए भूमि की तैयारी कैसे करे ?All About Ragi(Finger Milet) cultivation in india

रागी की खेती के लिए भूमि की तैयारी महत्वपूर्ण होती है। मिट्टी के आधार पर खेती की गुणवत्ता साबित होती है। 

  1. उपयुक्त जमीन का चयन करें: मड़ुआ  के लिए उचित जमीन की चयन करें। इसके लिए जमीन की माटी को मिट्टी की गुणवत्ता, पानी और उपयुक्त द्रव्य गतिविधि के आधार पर जांचें।
  2. भूमि की मोटाई को समायोजित करें: भूमि को अच्छी तरह से खुरचकर मोटाई को समायोजित करें। इसके लिए खेत में कचरे, कीटनाशक और कार्बन युक्त संचरणों का उपयोग करें।
  3. खेत की ढाल बनाएं: खेत को ढाल बनाने के लिए खेती यंत्रों का उपयोग करें। खेत की ढाल बनाने से जल संचयन बढ़ता है और जमीन की उपजाऊता बढ़ती है।
  4. जल स्रोत का प्रबंधन करें:  पानी ही खेती का मुख्य स्त्रोत है उसका समय पर और उचित तरीके से प्रबंधन करें। रागी(मड़ुआ) को अच्छी तरह से सिंचाई करने के लिए बारिश के पानी का संचयन करें और सिंचाई प्रणाली स्थापित करें।

इस प्रकार आप तयारी करेंगे तो आप Ragi ki kheti को सफल बना सकते हैं।

रागी बीज के बुवाई का सही समय और तरीका 

हर एक क्षेत्र का मौसम अलग होता है. रागी के बीज बोने का उचित समय आपके क्षेत्र के मौसम और जलवायु के आधार पर अलग हो सकता है, लेकिन आमतौर पर रागी के बीजों को बोने का सबसे अच्छा समय गर्मी के मौसम में होता है। 

जलवायु: रागी के लिए शुष्क और ठंडी मौसम अधिक उपयुक्त नहीं होते हैं। गर्मी के मौसम में रागी के बीज बोने के लिए सर्वाधिक उचित समय होता है।इसलिए बहोत सारे किसान मड़ुआ की फसल गर्मी वाले दिनों मई लेते है। 

वर्षा:  बीजों को बोने से पहले अच्छी वर्षा की आवश्यकता होती है। बारिश के समय जमीन का पर्याप्त नमी स्तर होना चाहिए।

तापमान: बीज बोने के लिए उचित तापमान गर्मी के दौरान 25-30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना 

रागी की उन्नत किस्मे (Ragi ki unnat kisme konasi hai in hindi)

रागी की उन्नत किस्में विभिन्न क्षेत्रों में विकसित की गई हैं।

  1. एमएसह२०१:  यह उन्नत किस्म मध्य प्रदेश, गुजरात, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में प्रमुखता से उगाई जाती है। इसकी उच्च उत्पादकता, अच्छी रोग प्रतिरोधकता और बेहतर बीज उत्पादन क्षमता होती है।
  2. एचएम-४४:  यह उन्नत किस्म उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और पश्चिमी हिमाचल प्रदेश में आम तौर पर उगाई जाती है। इसकी अच्छी उत्पादनता, संक्रामक रोगों के प्रति प्रतिरोधकता, और पोषक मूल्य होता है।
  3. एचएम-१०८:  यह उन्नत किस्म महाराष्ट्र, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश में आम तौर पर उगाई जाती है। इसकी उच्च उत्पादनता, अच्छी बीज प्राप्ति और सुरक्षा, और खाद्यी मानदंडों को पूरा करने वाला वनस्पतिक निर्धारण होता है।
  4. एमएसह४:  यह उन्नत किस्म तेलंगाना, कर्नाटक, और महाराष्ट्र में प्रमुखता से उगाई जाती है। इसकी उच्च उत्पादनता, बेहतर प्रतिरोधकता, और अच्छी बीज प्राप्ति होती है।

ये उन्नत किस्में रागी के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती हैं और किसानों को बेहतर उत्पादन और मुनाफा प्रदान करती हैं।

रागी के फायदे क्या है ?(Ragi Benefit)

रागी के पौधो का संरक्षण कैसे करे ?

रागी की खेती के लिये जैसे बेहतर भूमि की आवशक्यता होती है वैसे ही  पौधो को  किटको और रोगो से संरक्षण प्रदान करना महत्वपूर्ण है। कुछ नियम का पालन करके हम पौधो को संरक्षित रख सकते है। 

  1. जल सिंचन : पौधों को नियमित रूप से पानी दें। यहां ध्यान देने योग्य है कि पौधों को अतिरिक्त नमी से बचाएं और समुचित सिंचाई करें।
  2. खाद्य प्रदान: पौधों को उचित मात्रा में खाद्य प्रदान करें। इसके लिए आप खाद्य उर्वरक या जीवाश्म का प्रयोग कर सकते हैं।
  3. कीट प्रबंधन: पौधों को कीटों और रोगों से संरक्षित रखें। नियमित रूप से पौधों की समीक्षा करें और जरूरत अनुसार कीटनाशक या रोगनाशक का उपयोग करें।
  4. बीज का चयन: उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें और बीज उत्पादन की नियमितता का ध्यान रखें।
  5. जलवायु अनुकूलता: पौधों को सही जलवायु और तापमान के तहत रखें। उचित रूप से संरक्षित क्षेत्र में उगाएं और उचित स्थान पर खड़े करें।
  6. समान दुरी :  पौधों को आपसी दूरी पर विराम दें, ताकि प्रत्येक पौधा उचित रूप से विकसित हो सके। 
  7.  संरचनात्मक सुधार: पौधों की संरचना को सुधारने के लिए प्रोपर प्रुनिंग और लंबाई को नियंत्रित करें। इससे पौधों का संगठन सुगम होगा और संक्रमक रोगों का खतरा कम होगा।

रागी फसल की कटाई ,पैदावार और लाभ

रागी फसल की कटाई और पैदावार विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है और इससे किसानों को लाभ मिलता है। तो चलो यहां कुछ Ragi in Hindi मै कुछ  महत्वपूर्ण जानकारी जानते है। 

  1. कटाई: पौधो की  कटाई बीजों की पर्याप्त पाक में होनी चाहिए जब धान मुक्त हो गया होता है। कटाई को तेजी से और सही ढंग से करना आवश्यक होता है ताकि फसल की सभी पौधे सही ढंग से कटे जा सकें।
  2. पैदावार: रागी की पैदावार क्षेत्र, जलवायु, खेती तकनीक और उर्वरक के आधार पर बदल सकती है। यह उत्पादन की वार्षिक मात्रा के रूप में मापी जाती है।

  

रागी फसल से किसानों को कोनसे  लाभ मिलते हैं?

  1.  संकरोधन विशेष:यह फसल  शुष्कता और कम मात्रा में पानी के लिए अनुकूल होती है। इसलिए, यह सूखे क्षेत्रों में उगाई जा सकती है जहां अन्य फसलों के लिए  उपयुक्तता कम होती है।
  2.  ऊर्जा का स्त्रोत:  रागी  उच्च कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती है जो शारीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  3.  खाद्य सुरक्षा: यह  एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न है और उसका सेवन करने से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  4.  विपरीत जलवायु में विकास: ये फसल  विपरीत जलवायु में उगाई जा सकती है और इसलिए कम पानी और सूखे क्षेत्रों में उगाई जा सकती है।

Ragi की खेती  से किसानों को उचित मात्रा में उत्पादन और मुनाफा प्राप्त हो सकता है।

अक्सर पूछे गए सवाल

रागी को मड़ुआ,मराठी मई Nachani,इंग्लिश मै Finger Milet कहा जाता है।
रागी का बीज किसी भी नजदीकी कृषि दुकान मै मिलेगा।
रागी की फसल १.५ मीटर ऊँची होती है और उसकी बुवाई सीधी या रोपा पद्धति से की जाती है।
रागी का नाम हिंदी भाषा में "नागलंग" है।

मुझे पूरा विश्वास है यह मेरा लेख रागी (Ragi) की खेती कैसे करे और कब करे 2023 ? पसंद आया होगा। हमेशा मेरी यही कोशिश रहती है की Readers को यह आर्टिकल पूरा समझ आये और पूरी जानकारी मिल जाये इससे उन्हें दूसरी जगह जाने ना  पडे। 

इससे उनका समय भी बच जायेगा और उनको सभी जानकारी यही पे मिल जाएगी। यदि इस article को लेकर कोई doubt है और आप कुछ सुधार करना चाहते हो तो आप निचे comments लिख सकते है। 

यदि आपको यह post रागी (Ragi) की खेती कैसे करे और कब करे 2023 ? पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites share कीजिये।

Leave a comment